खोली आज किताब तो, वो इश्क़ वाला गुलाब मिला , सूखे ओर बिखरे है पत्ते , लेकिन यादे आज भी जिंदा है | happy rose day
इंक़लाब जिंदाबाद Bhagat Singh
हर खुशी, खुशी मांगे आपसे, जिंदगी, जिंदा दिली मांगे आपसे, उजाला हो मुकद्दर में आपके इतना, कि चाँद भी रोशनी मांगे आपसे…